पटना में STET अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, TRE-4 से पहले परीक्षा कराने की मांग पर हंगामा ||
patna news desk : तारीख पर तारीख साल दर साल बढ़ती जा रही है घोटाले की सरकार बिहार के हालात पर तरस नहीं आ रहा है नेता जी को
घोटाले की सरकार जुमले की चलती फिरती दुकान और क्या क्या कहेंगे चाचा को तेजस्वी यादव आज कल बिहार की सियासत बड़ी गरमाई हुई है अब जैसे जैसे बिहार विधान सभा चुनाव आ रहा है विपक्ष अपने तानों की पराकाष्ठा को आगे बढ़ाते जा रहा है और नीतीश कुमार के लिए जितनी मुश्किलें कड़ी करने में विपक्ष सक्षम है उतनी कोशिश में लगा हुआ है अब बिहार की जनता बदलाव चाहती है सवाल ये है बदलाव लाएगा कौन बिहार की डबल इंजन सरकार ने बिहार के विकास की कमर तोड़ दी है 5 सालों में अब तक बिहार में कुछ भी नहीं हुआ विकास के नाम पर। नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा की अब तक राज्य में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और लगभग 39 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है.लेकिन वो नौकरी दिखती क्यों नहीं है जमीनी स्तर पर आखिर मंत्री जी बिहार के युवाओं के साथ ऐसा भद्दा मजाक क्यों कर रहें है...सवाल ये है की मंत्री जी जो पैसे विकास के नाम पर लेते है वो कहां जाता है बिहार के युवाओं से बात करते है तो वो बोलते हैं की कोई रोजगार नहीं है तभी तो हमे दूसरे प्रदेश जाना पड़ता है कमाने के लिए और इतनी जिल्लत वाली ज़िन्दगी जिनी पड़ती है आखिर ये सब बातें सीएम साहब को क्यों दिखाई नहीं देता है अब देखिये एक तरफ एक और वादा मुख्यमंत्री जी ठोक चुके हैं जैसे की 2025 आने वाले भविष्य बिहार का चमकेगा हर बार एक ही घिसी पीटी लाइन नेता जी बोलते है अब इनको कौन समझाए की नेता जी अब ये पब्लिक है सब जानती है कुछ अलग कीजिये अब अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि उनकी सरकार आने वाले पांच वर्षों (2025 से 2030) के दौरान एक करोड़ सरकारी नौकरी और रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ेगी. यह लक्ष्य वर्ष 2020-25 के मुकाबले दोगुना होगा इसमें क्या नया बोला आपने नेता जी ये आपने 2020 में भी बोला था अब देखिये सोने पर सुहागा हो तब गया जब बेटा अब चाचा का काम बिगड़ेगा वो कैसे तो चलिए बताते है दरअसल तेजस्वी यादव ने यह भी बताया कि रक्षाबंधन के बाद महागठबंधन के सभी नेता प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जनसंपर्क यात्रा करेंगे. इस दौरान वे CAG रिपोर्ट, मतदाता अधिकारों के हनन, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को लेकर जनता को जागरूक करेंगे और इस बात से एक बात साफ़ है की बिहार में इस बार चुनावी मुद्दा विकास है और मुद्दे पर वोट होगा लेकिन ये CAG रिपोर्ट क्या है चलिए इसके बारे में आपको बता दें CAG केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के खातों की जांच करता है। जांच में, CAG द्वारा देखा जाता है कि कौन-से साल किस मद में कितना पैसा खर्च किया गया है। अगर पैसों के लेन-देन में किसी भी तरह की गड़बड़ी या वित्तीय अनियमितताएं दिखाई देती हैं, तो इसे CAG उजागर करता है।
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